व्रत का थालीपीठ
व्रत का थालीपीठ एक बहुत ही स्वादिष्ट महाराष्ट्रीयन स्नैक है। वैसे थालीपीठ अलग अलग अनाजों से बनता है लेकिन ये व्रत का थालीपीठ कुछ ऐसे चीजों से बनाया जाता है जो की व्रत के दिन खाई जा सकतीं हैं। व्रत का थालीपीठ बनाने के लिये आप को जो आटा चाहिए उसे मराठी में 'उपासाची भाजणी' कहतें हैं। ये आटा या 'भाजणी' भी घर पर बड़े आराम से बनाया जा सकता है और कई महीनों तक फ्रिज में रखा जा सकता है।
Ingredients
- (करीब ७ कप) 'व्रत की भाजणी' के लिए -
- सामक के चावल - २ & १/२ कप
- राजगिरा - १ & १/४ कप
- साबूदाना - ३/४ कप
- जीरा - २ टेबलस्पून
- थालीपीठ के लिए -
- 'व्रत की भाजणी' या 'उपासाची भाजणी' - १ & १/२ कप
- आलू - १ उबालकर छिलके निकाला हुआ
- हरी मिर्च या लाल मिर्च पावडर - बारीक कटी मिर्च या लाल मिर्च पावडर स्वादानुसार
- नमक - स्वादानुसार
- मूंगफली दाने की पावडर* - १/२ कप
- हरा धनिया - १/४ कप, बारीक कटा
- जीरा - १/४ टीस्पून
- तेल - आवश्यकतानुसार (करीब ३-४ टीस्पून)
Instructions
'व्रत की भाजणी' के लिए (करीब ७ कप भाजणी के लिए):
- जीरा गाढ़े रंग का होने तक भून लीजिये और मिक्सर में उसकी बारीक पावडर बनाकर मिक्सर में ही रहने दें.
- राजगिरा थोड़ा सा गुलाबी होने तक भून लें और उसे भी मिक्सर में डाल दें.
- साबूदाना गुलाबी रंग का होने तक भून लीजिये और मिक्सर में निकाल लीजिये।
- सामक के चावल भी भून कर गुलाबी रंग के होने के बाद उसी मिक्सर में डाल दीजिये।
- अब मिक्सर में डाली सारी चीजों को बारीक पावडर में पीस लें.
- अब 'उपवास की भाजणी' या 'थालीपीठ की भाजणी' बनकर तैयार है. इसे उसी समय इस्तेमाल कर सकतें हैं या फिर बाद में इस्तेमाल करने के लिए फ्रिज में कई महीनों तक भी रख सकतें हैं।
थालीपीठ बनाने की कृति:
- १ & १/२ कप 'भाजणी' एक थाले में निकाल लें।
- उबले आलू को मसलकर भाजणी में मिला लें।
- उसमे नमक, मिर्च या लाल मिर्च पावडर, मूंगफली दाने की पावडर, धनिया, और जीरा मिला लीजिये।
- सब मिलाकर पानी से इसका मुलायम सा आटा गूंध लें।
- अब तवा गरम होने के लिए रख दीजिये।
- कृतिक्रमांक ४ में तैयार आटे का एक छोटा गोला लेकर उसे हाथ से दबाकर पार्चमेंट पेपर पर एक चपटा गोल (कुछ मिलीमीटर मोटा) बना लें।
- उसमें एक उंगली से ४-५ छोटे छोटे छेद बना लीजिये।
- अब पार्चमेंट पेपर उलटा करके थालीपीठ को हथेली पर निकाल लें।
- और गरम तवे पर डाल दें।
- हर एक छेद में और थालीपीठ के किनारे पर थोड़ा थोड़ा तेल डाल दीजिये।
- ढक कर थालीपीठ को नीचे से गुलाबी/ब्राउन होने तक पकने दें।
- अब थालीपीठ को तवे पर उलटा कर दीजिये।
- फिर से थोड़ा थोड़ा तेल किनारे पर और छेदों में डालकर थालीपीठ को दूसरी तरफ से भी गुलाबी रंग का होने तक भूनिये।
- तवे पर से निकालकर गरम थालीपीठ व्रत के आचार और दही के साथ परोसिये।
- इसी तरह बाकी आटे के भी थालीपीठ बना लें।