- Serving: ३० -३५ अनरसों के लिए
अनरसा
अनरसा दिवाली की एक ख़ास, स्वादिष्ट और करारी महाराष्ट्रियन मिठाई है। ये ज्यादातर लक्ष्मीपूजा के दिन बनाई जाती है। दशहरा होते ही इसका आटा बनाने की कृति शुरू कर दी जाती है ताकि दिवाली तक ये अनरसे बनाने के लिए तैयार हो जाए। अनरसे के आटे में आप गुड़ या चीनी कुछ भी इस्तेमाल कर सकते हैं लेकिन मुझे गुड़ वाले अनरसे ज्यादा पसंद हैं। अगर आप अनारसों का आटा तैयार होने के बाद फ्रीज़र में डाल दें तो ये साल दो साल तक भी अच्छा रह सकता है।
Ingredients
- चावल - १ कप
- गुड़ - १ कप कसा हुआ गुड़
- घी - करीब १ टेबलस्पून हाथ पर लगाने के लिए
- खसखस - करीब ४ टेबलस्पून
- तेल या घी - तलने के लिए
- केला (अगर जरूरत पड़े तो) - आवश्यकतानुसार (एक इंच बड़ा टुकड़ा)
Instructions
- चावल को एक दो बार धोकर तीन दिन पानी में भिगो कर रखिए। और हर चौबीस घंटों बाद उसका पानी बदल दें। उदाहरण के तौर पे अगर आप शुक्रवार की सुबह को चावल भिगोते हैं तो ये सोमवार की सुबह अगली कृति के लिए तैयार हो जाएंगे।
- भिगोए हुए चावल एक कोलंडर में डाल दीजिए। जब सारा पानी बह जाए तो कोलंडर के नीचे एक कपडे का टावेल या एक किचन टावेल रख दीजिए। चावल में बचा पानी अब इस टावेल में आकर टावेल को गीला कर देगा। जब टावेल पूरा गीला हो जाए तब उसे निकालकर दूसरा सूखा टावेल रख दीजिए। जब तक टावेल सूखा नहीं रहने लग जाता तब तक उसे बदलते रहिए। (करीब २-३ बार आपको टावेल बदलना पडेगा।)
- जब टावेल सूखा ही रहने लगे तब चावल को मिक्सर में डालकर बिलकुल बारीक (पावडर की तरह) पीस ली जिए।
- अब पिसे चावल के इस आटे को छलनी में डाल कर छान लीजिए। छलनी के ऊपर बचे मोटे टुकड़ों को फिर से बारीक पीस लीजिए। इस तरह से पूरे चावल का बिलकुल बारीक आटा बना लीजिए।
- इसमे अब गुड़ मिला लीजिए।
- और ढक्कन लगा कर एक डब्बे में बंद कर के २-३ हफ़्तों तक रूम टेम्परेचर पर रख दीजिए। २-३ हफ़्तों बाद ये थोड़ा सख्त हो जाएगा। (ये तैयार आटा अगर आप फ्रीज़र में डाल दें तो ये साल दो साल तक भी अच्छा रह सकता है।)
- अनरसे बनाते समय अगर आटा थोड़ा सूखा लगे तो उसमे थोड़ा सा (१ टीस्पून) केला मसलकर डाल दीजिए।
- अब अनरसे बनाने के लिए उँगलियों में थोड़ा घी लगा लें।
- आटे का एक छोटा भाग (करीब एक इंच बड़ा) लेकर उसे हथेलियों के बीच घुमाकर गोल बना लें और फिर दबाकर चपटा कर लें।
- करीब १/२ टीस्पून खसखस चकले पर डालकर उसपे ये आटे का गोला रख दें।
- एक कढ़ाई में तेल गरम करने के लिए रख दीजिए।
- अब नीचे दिखाई गई विडियो क्लिप के अनुसार उँगलियों से थपथपाते हुए अनरसा बना लीजिए।
- अब सावधानीसे अनरसा हाथ में उठाकर तेल में तलने के लिए डाल दीजिए। तलते समय उसकी खसखस लगाई हुई बाजू ऊपर होनी चाहिए।
- झारी से धीरे धीरे अनरसे के बीच थोड़ा थोड़ा तेल डालिए। इससे अनरसे में छोटे छोटे छेद बनकर जाली दिखने लगेगी।
- जब अनरसा सुनहरे रंग का दिखने लगेगा तब उसे बाहर निकाल लीजिए। एक अनरसा तलने के लिए करीब ४५ सेकंद लगेंगे। अगर अनरसा तेल में डालने के बाद कुछ ही सेकंद में लाल दिखने लगे तो तेल को थोड़ा ठंडा होने दें और फिर तलिए।
- तलने के तुरंत बाद अनरसा नरम होता है। उसे एक छलनी में एक पेपर टावेल रखकर छलनी की दीवार से लगा कर खडा करके ठंडा होने के लिए रखिए।
- ठंडा होनेपर अनरसा करारा बन जाएगा।
- तलने के बाद अनरसों पर छोटे छोटे छेद बनने चाहिए। इसे जाली कहते हैं. अगर जाली ना बने तो आते में थोड़ी सी पिसी हुई चीनी (१-२ टीस्पून) मिला लीजिए और फिर तल कर देखिये।
- इसी तरह पूरे आटे से अनरसे बना लीजिए।
- पूरी तरह से ठंडा होने पर अनरसे एयर टाइट डब्बे में बंद करके रखिए।